Role of RSS in Indian Freedom Movement
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) का भारत के स्वतंत्रता संग्राम में योगदान आरएसएस का देश की आजादी की लड़ाई में योगदान को लेकर अक्सर प्रश्न उठाये जाते हैं | जब शौध और अध्ययन हुआ तो पता चला आरएसएस के संस्थापक डॉक्टर हेडगेवार का देश की आजादी के लिए योगदान गांधी नेहरू सहित कई बड़े नेताओं से अधिक त्यागम था | डॉ हेडगेवार जी ने 16 वर्ष की आयु में युवाओं में राष्ट्रीय घटनाओं पर चर्चा और क्रांतिकारी गुणों के विकास के लिए 1901 में चर्चा मण्डल “देशबंधु समाज “की शुरुआत की । पढ़ें- (आर्म्ड स्ट्रगल फ़ॉर फ्रीडम , पृष्ठ 372 -बी एस हरदास ) डॉ हेडगेवार ने इस संगठन में शामिल होने के लिए जो प्रतिज्ञा रखी थी करितो संमित्र हो निश्च्च्ये अपर्णी देहास देश कारयी अर्थात अपना शरीर और आत्मा मातृभूमि की सेवा में अर्पित करता हूँ । पढ़ें (आर्म्ड स्ट्रगल फ़ॉर फ्रीडम , पृष्ठ 374 -बी एस हरदास ) डॉ हेडगेवार जी को स्कूल में अंग्रेज अफसर के निरीक्षण के समय “वन्देमातरम”के नारे लगवाने , नागपुर के मॉरिस कालेज सहित 2000 छात्रों की हड़ताल कराने और भरी सभा मे अंग्रेजो से माफी मांगने से इनकार करने पर सर रेजिंलेण्ड क्रडोक